केसर निपजै न अठै,नह हीरा निकलन्त |सिर कटिया खग झालणा,इण धरती उपजंत ||
धोरां घाट्यां ताल रो,आंटीलो इतिहास |गांव गांव थरमापली,घर घर ल्यूनीडास ||
सीतल गरम समीर इत,नीचो,ऊँचो नीर |रंगीला रजथान सूं ,किम रुड़ो कस्मीर ? ||
उबड़ खाबड़ अटपटी,उपजै थोड़ी आय |मोल मुलायाँ नह मिलै,सिर साटे मिल जाय ||
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